दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी को देखना अति शुभ माना जाता है।

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नीलकंठ पक्षी को देखना अति शुभ माना जाता है। वह भी अगर दशहरा का दिन हो तो और भी उस व्यक्ति को खुशनसीब माना जाता है जिसे नीलकंठ पक्षी दिखाई दे।
नीलकंठ पक्षी भगवान शिव का रूप है क्योंकि भगवान का गला नीला है इसलिए भगवान शिव को नीलकंठ भी कहते हैं।
कहां जाता है कि श्री रामचंद्र नीलकंठ पक्षी के देखने के बाद ही रावण का वध कर दशहरा के दिन अयोध्या लौटे थे। रावण ब्राह्मण जाति का था इसलिए श्री रामचंद्र को ब्रह्म हत्या लग गया था। कहां जाता है कि भगवान शिव नीलकंठ का रूप धारण कर धरती पर आए और जब श्री रामचंद्र ने इस पक्षी को देखा तो उनका ब्रहम हत्या समाप्त हो गया।

शास्त्रों के अनुसार।
शकुन शास्त्र के अनुसार अगर किसी लड़की के दाएं तरफ नीलकंठ उड़ता दिखाई दे तो समझा जाता है कि उसकी शादी तुरंत होने वाली है। अगर नीलकंठ लड़की के बाई तरफ उठता दिखाई दे तो समझा जाता है की शादी होने में अभी विलंब है। अगर नीलकंठ लड़की के पीछे साइड वह तो यह माना जाता है कि उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होगी। अगर लड़की के आगे नीलकंठ दिखाई दे तो यह माना जाता है की उसका जीवन खुशियों से भरने वाला है। यही बात आदमी पर भी लागू होता है मिलाजुला कर यह कहा जाए कि नीलकंठ को देखना अति शुभ माना जाता है।
दशहरा के दिन नीलकंठ।
दशहरा के दिन लोक आकाश में घूमते रहते हैं कि कहीं उसे नीलकंठ दिखाई दे।लेकिन नीलकंठ उन्हीं को दिखाई देता है जो खुशनसीब होते हैं। नीलकंठ को भगवान शिव का रूप माना जाता है इसलिए इसे देखना अति शुभ होता है।
कहां जाता है कि श्री रामचंद्र नीलकंठ के दर्शन के बाद ही रावण का बंद कर दशहरा के दिन ही अयोध्या लौटे थे। इसलिए दशहरा के दिन नीलकंठ को देखना अति शुभ माना जाता है
नीलकंठ देखने के फायदे।
बरसों से सोचे हुए काम हो जाता है।
कहां जाता है कि नीलकंठ को दशहरा के दिन देखने से सोया हुआ भाग्य भी जग जाता है। नीलकंठ को भगवान शिव के रूप माना जाता है। नीलकंठ के मात्र दर्शन से बीमार व्यक्ति के सारे रोग दूर हो जाते हैं। बीमार व्यक्ति भी स्वस्थ हो जाता है। वैसे व्यक्ति जिसकी शादी नहीं हुई हो शादी हो जाती है।
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