धनतेरस के दिन इन चीजों की खरीदारी करें,माता लक्ष्मी छप्पर फाड़ के बरसेगी।

0
धनतेरस से भगवान धन्वंतरी के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है। 2022 में धनतेरस से 23 अक्टूबर दिन रविवार को है। धर्म ग्रंथों के अनुसार जब राक्षस और देवता मिलकर समुंद्र मंथन कर रहे थे। तब भगवान धन्वंतरी हाथ में अमृत कलश लेकर अवतरित हुए थे। भगवान धन्वंतरी को विष्णु का रूप माना जाता है। भगवान धन्वंतरी आयुर्वेद के जनक भी माने जाते हैं। इन्हें आरोग्य का देवता भी कहा जाता है। भगवान विष्णु की तरह भगवान धन्वंतरी के भी 4 हाथ हैं एक हाथ में चक्र तथा दूसरे हाथ में शंख, तीसरे और चौथे हाथ में आयुर्वेद तथा अमृत कलश से होता है।
भगवान धन्वंतरी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी के दिन अवतरित हुए थे। इसलिए कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के तिरुचि को धनतेरस मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन धन दौलत में बढ़ोतरी होती है। धनतेरस के दिन से दीपावली की शुरुआत होती है तथा भैया दूज तक यह त्यौहार चलता है
धर्म ग्रंथों के अनुसार एक कथा है।
एक बार की बात है की विष्णु भगवान और लक्ष्मी जी भ्रमण करते हुए मृत्युलोक में आए। भगवान विष्णु ने लक्ष्मी जी से कहा कि मैं दक्षिण दिशा में जा रहा हूं जब तक लोटो नहीं तब तक के तुम यहीं पर खड़ी रहना। जब भगवान विष्णु दक्षिण दिशा की तरफ चल दिए तो माता लक्ष्मी सोचने लगी की दक्षिण दिशा की तरफ क्या है कि प्रभु उधर गए हैं यह सोच कर माता लक्ष्मी भी दक्षिण दिशा की तरफ चल दिए। रास्ते में उन्हें एक के गन्ना का खेत मिला जिस खेत में से माता लक्ष्मी गन्ने तोड़कर चूसने लगी। उसी समय भगवान विष्णु वहां आ गए और कहां कि मेरे लाख समझाने के बाद भी तुम यहां आ गई। इस किसान के खेत से तुमने गन्ना चोरी की है। यह कह कर भगवान विष्णु माता लक्ष्मी को शराब दिए और कहा कि तुम 1 साल इस किसान के घर में रहोगी। भगवान विष्णु के श्राप के कारण माता लक्ष्मी उस किसान के गृह में प्रवेश कर गई। इस दिन से किसान का धन दौलत है काफी बढ़ने लगा। जब 1 साल पूरा हुआ तो भगवान विष्णु प्रकट हुए और लक्ष्मी को चलने के लिए कहा। लेकिन किसान ने माता लक्ष्मी को जाने देने से इनकार किया। तब माता लक्ष्मी ने कहा की तुम कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन कलश रखकर मेरी पूजा करोगे तो पूरा साल मैं इसी रूप में यहां आवास करूंगी। उसी समय से धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा प्रारंभ हुई।
धनतेरस के दिन इन चीजों को नहीं खरीदना चाहिए।
प्लास्टिक के बर्तन, धनतेरस के दिन प्लास्टिक के बर्तन नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि यह शुद्ध धातु नहीं होता है और इस पर राहु का बुरा प्रभाव रहता है।
स्टील के बर्तन,
स्टील का बर्तन भी धनतेरस के दिन नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि स्टील शुद्ध धातु नहीं होता है और राहु का इस पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
लोहे से निर्मित वस्तु,
लोहे से निर्मित किसी प्रकार की नुकीला वस्तु या वर्तन नहीं खरीदना चाहिए। लोहे से निर्मित वस्तु पर राहु का बुरा प्रभाव रहता है इसलिए लोहे से निर्मित नुकीला वस्तु नहीं खरीदना चाहिए।
अल्मुनियम के बर्तन।
धनतेरस के दिन अल्मुनियम से निर्मित वर्तन नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि इससे पर शनि का प्रभाव होता है। अल्मुनियम शुद्ध धातु नहीं माना जाता है इसलिए इसे धनतेरस के अवसर पर नहीं खरीदना चाहिए। अगर किसी कारण बस आप को खरीदना पड़े तो इसे खाली घर में ना लाएं इस बर्तन में चावल या धनिया भरकर लाए। धनिया को धन का प्रतीक माना जाता है।
धनतेरस के अवसर पर इन चीजों की खरीदारी करें।
सोना, धनतेरस के दिन सोना खरीदना अति शुभ माना जाता है। सोना के आभूषण पर एक कथा है। एक लोक कथा के अनुसार एक पत्नी के पति का मृत्यु होने वाली थी। उस दिन उसकी जनानी अपने पति की जान बचाने के लिए कुछ दीपक जलाएं और सोने चांदी के आभूषण दरवाजे के बाहर रख दी जिससे यमराज भी उसे आभूषण को देखकर उसके पति के प्राण नहीं ले जा पाया। धनतेरस के दिन साईं काल में यम दीपक भी जलाया जाता है। कहा जाता है कि यमराज मृत्यु के देवता इस दीपक से खुश रहते हैं और उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है।
चांदी या पीतल का बर्तन, धनतेरस के दिन चांदी या पीतल के बर्तन जरूर खरीदना चाहिए। पीतल और चांदी के बर्तन में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है।
झारु, माना जाता है कि झाड़ू में लक्ष्मी का वास होता है। धनतेरस के दिन बहुत से लोग झाड़ू खरीद कर मंदिर में दान करते हैं। पुराने झाड़ू को धनतेरस के दिन कभी भी बाहर नहीं फेंकना चाहिए।
गुलाब इत्र, धनतेरस के दिन गुलाब का इत्र जरूर खरीद कर लाना चाहिए। माता लक्ष्मी को गुलाब बहुत प्रिय होता है इसलिए गुलाब इत्र खरीद कर धनतेरस के दिन पूरे घर में छिड़काव करना चाहिए।
धनिया,
धनिया को धन का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस को धनिया खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस को खरीदा हुआ धनिया को किसी खाली जगह में लगा देते हैं ।
कौड़ी, धनतेरस के दिन कौड़ी खरीदना अति शुभ माना जाता है। किसी लाल कपड़े में है कौड़ी धनिया तथा सिंदूर बांधकर तिजोरी में रखने से धन दौलत की बढ़ोतरी होती है।



Tags

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)