बहन अपने भाई को नारियल और चने क्यों खिलाती है?
बहन अपने भाई को नारियल और चने क्यों देती है इसके पीछे दो कारण है। पहला पौराणिक के कथा तथा दूसरा वैज्ञानिक कारण है।
आपको पता है कि नारियल और चने दोनों काफी कठोर होता है। मैं आपको वैज्ञानिक कारण बता रहा हूं। नारियल और चने भाई को खिलाने का मकसद होता है कि उसका भाई नारियल और चने की तरह शस्त्र शरीर वाला यानी अजर अमर बन जाए। बहन अपने भाई को नारियल और चने खिलाकर अजर अमर बनाने का मांग करती है।
भैया दूजे का एक पौराणिक कथा भी है।
भगवान सूर्य देव की पत्नी संज्ञा की दो आंवला थे। पहला लड़की जिसका नाम यमुना था और दूसरा लड़का जो यमराज देव बना। यमुना हमेशा अपने भाई को अपने पास बुलाना चाहती थी लेकिन यमदेव के व्यस्तता के कारण वह अपनी बहन से मिलने नहीं जा सकते थे। यमुना के बहुत आगरा पर एक बार यमदेव अपनी बहन से मिलने पहुंचे। वह दिन था कृष्ण पक्ष के द्वितीय तिथि, जब यमदेव अपनी बहन यमुना से मिलकर वापस लौटने लगे तो उन्होंने अपनी बहन से वर मांगने के लिए कहा। यमुना ने अपने भाई से वर्क के रूप में कहा मांगा की आप इस दिन को प्रत्येक साल आने का वरदान दीजिए। यमदेव ने ओम अस्तु कहां, तब यमुना ने अपने भाई को नारियल भेंट किया। रामदेव ने पूछा कि यह नारियल किस लिए तो उनकी बहन ने कहा कि यह नारियल आपको इस दिन को याद दिलाता रहेगा। उसी समय से भाई दूजे का यह त्यौहार की परंपरा शुरू हुआ। उस दिन से प्रत्येक साल भाई शुक्ल पक्ष के द्वितीय तिथि को जाकर अपनी बहन के हाथ से नारियल और चने की प्रसाद खाते हैं। और बहन अपने भाई को नारियल और चने की तरह अजर अमर होने का आशीर्वाद देती है ।
जिसकी बहन ना हो वह क्या करें?
शास्त्र ज्ञाता हर चीज का तोड़ निकाल ही देते हैं। शास्त्रों के अनुसार जिस व्यक्ति की अपनी बहन या अपने वंश में कोई बहन नहीं हो तो वह अपने घर से प्रसाद लेकर किसी गौशाला में जाकर उस प्रसाद को ग्रहण करें तो दोनों का फल एक ही होता है।
भाई दूज के दिन यमुना नदी में स्नान करने का फल,
कहा जाता है कि भाई दूज के दिन यमुना नदी में स्नान करने वाले व्यक्ति को कॉल भी नहीं छू सकता है। इस दिन यमुना नदी में स्नान करने वाले व्यक्ति को अकाल मृत्यु कभी नहीं होता।