जीवनी साहित्य की महत्वपूर्ण विद्या है, किसी व्यक्ति के संपूर्ण जीवन वृतांत को जीवनी कहते हैं। जीवनी में लेखक के किसी व्यक्ति के यथेष्ट घटनाओं का वर्णन करता है। जीवनी इतिहास साहित्य और नायक की त्रिवेणी होती है।
जीवनी किसी महान व्यक्ति का संपूर्ण विवरण क्रमशः महत्वपूर्ण घटनाओं के माध्यम से किसी अन्य लेखक द्वारा लिखा जाता है। इसमें व्यक्ति के व्यक्तित्व कृतित्व तथा उसकी उपलब्धियों का वर्णन रहता है। जीवनी ना तो इतिहास है ना ही उपन्यास है लेकिन दोनों विधाओं का समावेश जरूर होता है। व्यक्तित्व का मतलब पर्सनालिटी से होता है तथा कृतित्व का मतलब उनके माता-पिता भाई-बहन और उपलब्धियों का वर्णन होता है। जब हमें निराशा घेरे जब हम निराश हो जाए तो हमें महापुरुषों की जीवनी पढ़नी चाहिए। जिससे हमारे अंदर छुपा अंधेरा भाग जाता है और उजाला आ जाता है।
जीवनी के निम्नलिखित भेद होते हैं।
1 आत्मीय जीवनी आपने जीवनी का मतलब आपने कथा से होता है जो सोया दौरा लिखा जाता है। आत्मीय जीवनी का यथार्थ होना जरूरी नहीं है या नहीं काल्पनिक भी हो सकता है।
2 लोकप्रिय जीवनी, वैसे पुरुष जो काफी प्रसिद्ध है उनकी जीवनी लोकप्रिय जीवनी में आता है।
3 ऐतिहासिक जीवनी, ऐतिहासिक जीवनी का मतलब होता है जो गुजर चुका है वैसे पुरुष जो काफी समय पहले थे उनकी जीवनी लिखना ऐतिहासिक जीवनी कहलाता है।
4 व्यक्तिगत जीवनी, व्यक्तिगत जीवनी का मतलब होता है स्वें मतलब अपनी जीवनी खुद लिखन।
5, कलात्मक जीवनी,
विशेषताएं
1 जीवनी किसी महापुरुष की लिखी जाती है। महापुरुषों की जीवनी प्रकाश स्तंभ की भांति काम करता है। प्रकाश स्तंभ का मतलब अंधेरा से उजाला की तरफ जाना जंप उसकी जीवनी पढ़ते हैं तो हमें शिक्षा मिलती है यानि हमारी अंदर छुपा अंधेरा निकल जाता है। आज के समय में जब कोई व्यक्ति टीवी पर आ जाए या कुछ लोग उसे जान जाए तब उसकी जीवनी लिखने लगते हैं लोग। यह मेरे हिसाब से बिल्कुल ठीक नहीं है।
2 जीवनी में लेखक किसी व्यक्ति का जीवन चरित्र प्रस्तुत करता है। इसमें प्रायः उस व्यक्ति का जन्म से लेकर मृत्यु तक का संपूर्ण वर्णन होता है।
3 जीवनी में लेखक किसी व्यक्ति की व्यथा जीवन का वर्णन करता है।
जीवनी के प्रथम रचनाकार
1 गोपालशर्मा शास्त्री थाना नाभा दास इनको भी प्रथम जीवनी कार माना जाता है क्योंकि इन्होंने भक्तमाल लिखा था।
2 राम वृक्ष बेनी पूरी। उन्होंने जयप्रकाश नारायण की जीवनी लिखी।
3 रामचंद्र वर्मा महात्मा गांधी की जीवनी लिखी
4। अमृत राय। कलम की सिपाही लिखी मैं अमृत राय ने मुंशी प्रेमचंद के जीवनी के बारे में लिखा है।
5। शिव देवी। प्रेमचंद का घर लिखा। इसमें भी शिव देवी ने प्रेमचंद के जीवनी के बारे में दर्शाया है।
जीवनी तथा आत्मकथा
जीवनी किसी लेखन द्वारा किसी व्यक्ति के संपूर्ण जीवन वृतांत लिखा जाता है। जीवनी में लेखक किसी पुरुष का यथार्थ वर्णन करता है।
आत्मकथा स्वेन द्वारा लिखी जाती है। आत्मकथा में जरूरी नहीं है की सारी बातें हैं यथार्थ हो। आत्मकथा में काल्पनिक बात भी हो सकता है। मैं आशा करता हूं की अब आप जीवनी तथा आत्मकथा में अंतर समझ गए होंगे। आज के लेख में बस इतना ही जय हिंद।
जीवनी और आत्म कथा में अंतर,
जीवनी और आत्मकथा में निम्नलिखित अंतर है।
1, जीवनी किसी दूसरे के द्वारा लिखी जाती है जब की आत्मकथा सोने के द्वारा लिखी जाती है।
2, जीवनी किसी महापुरुष की लिखी जाती है जबकि आत्मकथा किसी की भी लिखी जा सकती है।
3, जीवनी अनुमानित होती है जबकि आत्मकथा सत्य होती है। यह भी पढ़ें,मिसेज वर्ल्ड 2022 सरगम कौशल की जीवनी
4, जीवनी वर्णनात्मक शैली में लिखी जाती है जबकि आत्मकथा कथा आत्मक शैली में लिखी जाती है।
5, जीवनी की प्रमाणिकता आवश्यक होती है जबकि आत्मकथा की प्रमाणिकता की आवश्यकता नहीं होती है।
जीवनी का स्वरूप या जीवनी का तत्व,
जीवनी का स्वरूप या जीवनी का तत्व दोनों का मतलब है जीवनी के प्रकार से होता है। जो आपको मैं ऊपर बता चुका हूं। आप ऊपर जीवनी के प्रकार या जीवनी के भेद पढ़ सकते हैं।
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जीवनी की विशेषताएं,
जीवनी के निम्न विशेषताएं हैं।
1, जीवनी दूसरे के द्वारा लिखी जाती है।
2, जीवनी में लेखक अपने विचारों को नहीं दर्शाता है।
3, इसमें लेखक के दूसरे के गुण दोष बताता है।
4, जीवनी वर्णनात्मक शैली में लिखी जाती है।
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जीवनी के प्रथम लेखक कौन है?
प्रथम जीवनी भक्तमाल की लिखी गई थी जिसके लेखक के नाभादास जी हैं।
जीवनी एक लिखित भुगतान से या कथा है जो किसी व्यक्ति के जीवन कहानी बताता है। इसमें आमतौर पर महत्वपूर्ण घटनाओं, अनुभव, उपलब्धियां चुनौतियां और व्यक्ति की यात्रा के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया जाता है।